उत्तराखण्ड त्रासदी पर
शिव को दोष मत दे रे ऐ बेगैरत इंसान
दुषकर्मों का मिल रहा है ये तुझको ईनाम…1
शीश झुका मैं कर रहा था अपने शिव का ध्यान
तब चुपके से आया था वो नरभक्षी हैवान…2
तब चुपके से आया था वो नरभक्षी हैवान…2
आफत में जब पडी हुई थी उन लोगों की जान
मानवता को कुचल रहे थे तब भी कुछ शैतान…3
मानवता को कुचल रहे थे तब भी कुछ शैतान…3
पर्वत नदीयाँ वृक्ष धरा ही हैं असली भगवान
इनकी रक्षा करके ही अब बच सकती है जान…4
इनकी रक्षा करके ही अब बच सकती है जान…4
BY
MR. PRYAS
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